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Wednesday, July 6, 2022

Mahatma Gautam buddha Ke updesh

 
गौतम बुद्ध के उपदेश और अनमोल वचन / Gautam Buddha Updesh in Hindi



Mahatma Gautam buddha Ke updesh

Mahatma Gautam buddha Ke updesh

1.आनन्द इस पर निर्भर नहीं करता कि आपके पास क्या है? या आप क्या हैं? ये पूरी तरह से इस बात पर निर्भर करती है कि आप क्या सोचते हैं?

शील पुरुष को दुष्टों के द्वारा सदा से सताया जाता रहा है।

हजारों महत्वहीन शब्दों से वह एक अच्छ शब्द है जो शांति लाये।

2.हजारों युद्ध जितने से बेहतर है कि स्वयं को जीत लें, फिर वो जीत तुम्हारी होगी जिसे कोई तुमसे नहीं छीन सकता।


                                        

experience

 

3.तुम जो भी बोलने जा रहे हो सोच समझकर शब्दों का प्रयोग करना और ध्यान रखना सुनने वाले पर इन शब्दों क्या प्रभाव पड़ेगा? अच्छा या बुरा!

4.एक कर्त्तव्यनिष्ठ, प्रतिभाशाली, इज्जतदार व्यक्ति जहां कहीं भी जाता है, वहां पर उसका सम्मान किया जाता है।

5.सांसारिक पीड़ा तो तय है, यह आपके बस की बात नहीं। हां उस पीड़ा से स्वयं दुखी होना या न होना यह आपके बस में जरूर है।


6.एक जागे हुए इंसान को रात बहुत लम्बी लगती है, एक थके हुए इंसान को मंजिल बहुत दूर नजर आती है, सच्चे धर्म से अनजान मनुष्य के लिए जीवन-मृत्यु का आवागमन भी उतना ही लंबा दिखाई पड़ता है।


7.आखिर में यही बात सबसे ज्यादा मायने रखती है कि आपने कितनी अच्छी तरह से प्रेम किया, अपने जिंदगी को कितना भरपूर जिया और आपने कितनी गहराई से लोगों की गलतियां को माफ किया।


8.आप चाहे कितने ही धार्मिक ग्रंथ पढ़ लें आप चाहे कितने ही पवित्र मंत्र बोल लें, लेकिन जब तक आप उन्हें अपने भीतर नहीं उतारते उनका कोई फायदा नहीं है।


9.संसार में कोई भी वस्तु कभी भी अकेले विद्यमान नहीं होती, हर एक वस्तु का संबंध सम्पूर्ण दूसरी वस्तुओं से होता है।

Mahatma Gautam buddha Ke updesh

10.जीवन की यात्रा में भरोसा आपको पोषण देता है, अच्छे काम पुण्य की तरह हैं, ज्ञान सूर्य की रोशनी की तरह है और सजगता आपका बचाव करती है। यदि इंसान निष्कपट जीवन जीता है, तो कोई चीज मनुष्य को नष्ट नहीं कर सकती है।


11.हर अनुभव से कुछ न कुछ सिखा जा सकता है, हर अनुभव अपने आप में सार्थक है, क्योंकि हम अपनी भूलों से ही सीखते हैं।


12.प्रत्येक मनुष्य को यह अधिकार है कि वह अपनी दुनिया की स्वयं खोज करे।


13.प्रत्येक दिन का महत्व होती है, इंसान रोज एक नया जन्म लेता है, हर दिन एक नए उद्देश्य को पूरा करने के लिए एक-एक दिन का महत्व समझें।


14.मैं दुनिया के साथ मतभेद नहीं करता, लेकिन ये दुनिया है जो मेरे साथ मतभेद करती है।


15.एक पावन ओर शुद्ध मन के साथ कोई व्यक्ति बोलता या कार्य करता है, तो इंसान के साये की तरह ख़ुशी कभी उसका पीछा छोड़ती।

16.अपने मोक्ष के लिए स्वयं ही उपाय करें, दूसरों के भरोसे ना रहें।


 17.भगवान गौतम बुद्ध के अनमोल विचार

स्वयं के मन को शांत करने पर, समस्त बाधाओं का समाधान निकल आता है।


18.भूतकाल को याद मत करो, भविष्य के बारे में मत सोचो, वर्तमान में जिओ, यही खुश रहने का एकमात्र उपाय है।


19.मंजिल तक पहुँचना भी जरूरी है, पर इससे भी जरूरी यह है कि यात्रा अच्छे से हो।


20.आपको कभी नहीं देखना की क्या किया जा चुका है, आपको हमेशा यह देखना है कि क्या किया जाना बाकी है।


21.वे इंसान जो लोगों से प्रेम करते है, वे संकटों से घिरे रहते है, ओर जो इंसान किसी से भी प्रेम नहीं करते, उन्हें कोई संकट या कष्ट नहीं होते।


22.वहम एक खतरनाक रोग है, वहम लोगो को जुदा कर देता है। यह दो अच्छे मित्रों को बिछड़ने पर मजबूर कर देता है, किसी अच्छी रिश्तेदारी को बरबाद कर देता है।

                                                             


23.शांति मन के भीतर से उत्पन्न होती है, इसको बाहर मत खोजो।


24.सत्य की राह पर चलते हुए इंसान केवल दो भूल कर सकता है या तो पूरा रास्ता तय नहीं कर पाता या फिर शुरुआत ही नहीं कर पाता।


25.आप अपने क्रोध के लिए सजा नहीं पाओगे, आप अपने क्रोध के कारण सजा पाओगे।


26.जिसने अपने मन को स्वयं के वश में कर लिया, उसकी जीत को दानव क्या देवता भी पराजय में नहीं बदल सकते हैं।


27.बुराई अवश्य ही रहनी चाहिए, तभी तो अच्छाई बुराई के ऊपर अपनी जीत साबित कर पाएंगी है।


28.शरीर और मन दोनों की सेहत का राज है कि जो बीत गया उसका दुःख ना करें।


29.दुनिया हमेशा से बढाई और निंदा करने का बहाना ढूंढती। यही होता रहा है, यही होता है और यही होता रहेगा।


30.क्रोध को बिना क्रोधित हुए जीतो, बुराई को अच्छाई से जीतो, कंजूसी को दरियादिली से जीतो, और असत्य बोलने वाले को सत्य बोलकर जीतो।


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31.अगर तुमको मेरी तरह बांटने की प्रेरणाशक्ति के बारे में पता होता तो तुम कभी भी बिना बांटे आहार नहीं खाते।


32.यदि कोई कार्य करने लायक है, तो उस कार्य को पूर्ण लगन से करो। तभी उस कार्य में पूर्ण सफलता मिलेगी।


33.वास्तविक समस्या यह है कि तुमको लगता है कि फलां कार्य को करने के लिए अभी तुम्हारे पास बहुत समय है।


34.अव्यवस्था सभी जटिल बातों में जन्मजात है. मेहनत के साथ प्रयास करते रहो।




gautam buddha jayanti

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