Monday, July 11, 2022

Story of Gautam buddha

 

Story of Gautam buddha

Story of Gautam buddha 

एक बार की बात है जब भगवान बुद्ध जेतवन विहार में निवाश कर रहे थे उनके प्रिय भिच्छु चछुपाल भगवान बुद्ध से मिलने आये |  तो लोगो ने उनकी दिनचर्या और गुणों  की भी चर्चा कर रहे थे भिच्छु चछुपाल अन्धे थे | एक दिन जेतवन विहार के कुछ भिछुओ ने चछुपाल के कुटिया के बहार कुछ मरे हुए कीड़े देखे |

और फिर उन्होंने चछुपाल की निंदा करना आरंभ कर दिया , कि उन्होंने इन जीवित प्राणियों की हत्या की है | 

भगवान बुद्ध ने निंदा कर रहे उन भिक्षुओं को बुलाया और पूछा कि क्या तुमने भिक्षु को कीड़े मारते हुए देखा है। उन्होंने उत्तर दिया- नहीं।

इस पर भगवान बुद्ध ने उन साधकों से कहा कि जैसे तुमने उन्हें कीड़ों को मारते हुए नहीं देखा वैसे ही चक्षुपाल ने भी उन्हें मरते हुए नहीं देखा और उन्होंने कीड़ों को जान बूझकर नहीं मारा है इसलिए उनकी भर्त्सना करना उचित नहीं है।

भिक्षुओं ने इसके बाद पूछा कि चक्षुपाल अंधे क्यों हैं? उन्होंने इस जन्म में अथवा पिछले जन्म में क्या पाप किए।

भगवान बुद्ध ने चक्षुपाल के बारे में कहा कि वे पूर्व जन्म में एक चिकित्सक थे। एक अंधी स्त्री ने उनसे वादा किया था कि यदि वे उसकी आंखें ठीक कर देंगे तो वह और उसका परिवार उनके दास बन जाएंगे। स्त्री की आंखें ठीक हो गईं। पर उसने दासी बनने के भय से यह मानने से इंकार कर दिया।

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चिकित्सक को तो पता था कि उस स्त्री की आंखें ठीक हो गई हैं। वह झूठ बोल रही है। उसे सबक सिखाने के लिए या बदला लेने के लिए चक्षुपाल ने दूसरी दवा दी, उस दवा से महिला फिर अंधी हो गई। वह कितना ही रोई-पीटी, लेकिन चक्षुपाल जरा भी नहीं पसीजा। इस पाप के फलस्वरूप अगले जन्म में चिकित्सक को अंधा बनना पड़ा।

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